लोकसभा चुनाव को क्यों “आम चुनाव” कहा जाता है?
लोकसभा एक ऐसी सभा है जो जनता के प्रतिनिधियों की होती है और इन्हें चुनने के लिए भारतीय नागरिकों को 18 वर्ष से अधिक आयु का होना चाहिए। इसलिए, इसे “आम चुनाव” कहा जाता है क्योंकि इसमें आम लोगों को अपने प्रतिनिधि (सांसद) का सीधा चयन करने का अधिकार होता है।
लोकसभा में कितने सदस्य हो सकते हैं?
लोकसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है। इसमें से 530 सदस्य राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, 20 संघ राज्य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और यदि राष्ट्रपति को लगता है कि ऐंग्लो इंडियन समुदाय का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, तो वह इस समुदाय से अधिकतम दो सदस्य नामित कर सकते हैं। वर्तमान में लोकसभा में 545 सदस्य हैं, जिनमें से 530 सदस्य सीधे राज्यों से चुने गए हैं और 13 संघ राज्य क्षेत्रों से, जबकि दो को ऐंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किया जाता है।
लोकसभा की कार्यकाल कितने साल का होता है?
लोकसभा का सामान्य कार्यकाल पांच वर्षों का होता है, लेकिन इसे राष्ट्रपति द्वारा पहले भी भंग किया जा सकता है। यानी इसकी पहली बैठक से नियुक्ति की तारीख से पांच वर्ष की होती है। आपातकाल की स्थिति कानून बनाकर इस अवधि को बढ़ाई जा सकती है। संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत आपातकाल के प्रभावी होने की अवधि के दौरान संसद द्वारा पारित अधिनियम द्वारा सामान्य कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, इस अवधि को एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता और किसी भी प्रकार आपातकाल के समापन की अवधि से छह माह से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव के लिए न्यूनतम आयु कितनी है?
संविधान के अनुच्छेद 79 से लेकर 122 तक संसद के बारे में विस्तार से बताया गया है। लोकसभा का चुनाव वही लड़ सकता है, जो भारत का नागरिक हो, न्यूनतम उम्र 25 साल हो, पागल या दिवालिया न हो और किसी सरकारी लाभ के पद पर न हो।
पहली बार लोकसभा का चुनाव कब हुआ था?
25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक पहले आम चुनावों के बाद 17 अप्रैल 1952 को पहली लोकसभा का गठन हुआ था। लोकसभा का प्रथम सत्र 13 मई 1952 को आरंभ हुआ।
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना कौन जारी करता है?
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना राष्ट्रपति द्वारा जारी की जाती है और इसके बाद आयोग द्वारा मतदान की तारीखों की घोषणा की जाती है। अधिसूचना जारी होने के बाद संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के तीन भाग होते हैं- नामांकन, निर्वाचन तथा मतगणना। अधिसूचना जारी होने के बाद मौजूदा सरकार भंग हो जाती है। इसके बाद सरकार कोई भी योजना या नया काम शुरू नहीं कर सकती।
अभी तक लोकसभा के कितने आम चुनाव हुए हैं?
अभी तक लोकसभा के लिए 17 आम चुनाव आयोजित हुए हैं और वर्ष 2024 अप्रैल-मई में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव प्रस्तावित है। पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 से 21 फरवरी 1952 तक, दूसरा 24 फरवरी से 14 मार्च 1957 तक और तीसरा 19 से 25 फरवरी 1962, चौथा 17 से 21 फरवरी 1967, पांचवां 1 से 10 मार्च 1971, छठा 16 से 20 मार्च 1977, सातवां 3 से 6 जनवरी 1980, आठवां 24 से 28 दिसंबर 1984, नौवां 22 से 26 नवंबर 1989, दसवां 20 मई से 15 जून 1991, ग्यारहवां 27 अप्रैल से 30 मई 1996, बारहवां 16 फरवरी से 23 फरवरी 1998, तेरहवां 5 सितंबर से 6 अक्टूबर 1999, चौदहवां 20 अप्रैल से 10 मई 2004, पंद्रहवां 16 अप्रैल से 13 मई 2009 के बीच, सोलहवां 7 अप्रैल 2014 से 12 मई 2014 के बीच और सत्रहवां आम चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई 2019 के बीच हुआ था।
वर्तमान में लोकसभा सदस्य का वेतन कितना है?
वर्तमान में संसद सदस्य को 1,00,000 रुपये प्रतिमाह वेतन, 70,000 रुपये प्रतिमाह निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में मिलते हें और 60,000 रुपये प्रतिमाह ऑफिस के खर्च के रूप में मिलते हैं। सदस्यों को सभा अथवा समितियों की बैठक अथवा अन्य संसदीय कार्य में भाग लेने के लिए 2000 रुपये का दैनिक भत्ता भी मिलता है। दैनिक भत्ता प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा इस उद्देश्य के लिए रखे गए रजिस्टर पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होता है।