सर्वमंगलमंगलये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरि नारायणि नमोऽतु ते।। शरणांगतदीन आर्त परित्राण परायणे सर्वस्यार्तिहरे देवी नारायणि नमोऽस्तु ते।। सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते। भयेभ्यारत्नाहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते ।।

चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष की भी शुरूआत होती है। नवरात्रि के मौके पर 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा पृथ्वी लोक पर आती हैं।
सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। एक साल में कुल चार नवरात्रि आती हैं, जिनमें पहला चैत्र नवरात्रि, फिर शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि पड़ती हैं। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होती है। चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष की भी शुरूआत होती है। नवरात्रि के मौके पर 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा पृथ्वी लोक पर आती हैं। नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा अपने सभी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। इस बार 09 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की शुरूआत हो रही है। वहीं 17 अप्रैल 2024 को राम नवमी होगा।
वैसे तो भारत में तमाम प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर हैं। वहीं 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होने जा रही है। ऐसे में आप भी मां दुर्गा के इन फेमस मंदिरों में दर्शन के लिए जा सकते हैं। देखा जाए तो ज्यादातर मंदिर पहाड़ों पर बसे हुए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा फेमस मंदिर माता वैष्णो देवी कटरा को माना जाता है। हांलाकि देवी मां के दर्शन करने के लिए किसी दिन विशेष की जरूरत नहीं होती है। इसके लिए बस श्रद्धा चाहिए।
यदि आप भी मां दुर्गा के फेमस मंदिरों के दर्शन करना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको देवी मां के 5 फेमस मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां पर दर्शन मात्र से हर भक्त की मनोकामना पूरी हो जाती है।
1. माता वैष्णो देवी मंदिर (जम्मू-कश्मीर)
जम्मू-कश्मीर के कटरा जिले में मां वैष्णों देवी का मंदिर है। साल भर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। माता वैष्णों देवी का मंदिर 108 शक्तिपीठों में से एक है। बता दें कि माता वैष्णो देवी को मां दुर्गा का रूप माना जाता है। मां वैष्णो देवी मंदिर की पवित्र गुफा के भीतर निवास करती हैं। कटरा से 13 किमी चढ़ाई करने के बाद वैष्णो धाम पहुंचते हैं।
2. कामाख्या मंदिर
भारत के गुवाहाटी में स्थित कामाख्य देवी मंदिर को प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इस मंदिर की गुफा में एक योनि की मूर्ति है, जिसे बेहद पवित्र माना जाता है। हर साल दूर-दूर से भक्त मंदिर दर्शन के लिए आते हैं। वहीं नवरात्रि का पर्व यहां पर जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
3. महाकाली देवी मंदिर (उज्जैन)
मध्य प्रदेश के शिप्रा नदी के किनारे प्राचीन शहर उज्जैन में एक छोटी सी पहाड़ी पर महाकाली देवी का मंदिर बना है। हिंदू पौराणिक कथा के मुताबिक जब श्रीविष्णु ने मां सती के मृत देह पर सुदर्शन चक्र चलाया था, तो देवी सती का ऊपरी होंठ उस जगह गिरा था, जहां पर वर्तमान समय में यह मंदिर बना है। इस मंदिर में महालक्ष्मी, ग्रह कालिका और देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।
4. कालीघाट मंदिर कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
नवरात्रि के दौरान कोलकाता के मंदिरों में दुर्गा पूजा काफी धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता के मुताबिक कोलकाता के कालीघाट मंदिर में मां सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। बताया जाता है कि यह मंदिर करीब 2000 साल से भी अधिक पुराना है। नवरात्रि के मौके पर यहां हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर आदि गंगा नामक एक छोटे से जल निकाय के तट पर बना है।
5. चामुंडेश्वरी मंदिर मैसूर (कर्नाटक)
चामुंडेश्वरी मंदिर मैसूर में चामुंडी पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है। बताया जाता है कि यहां पर मां सती के बाल गिरे थे। जिसके बाद होयसल शासकों ने 12वीं शताब्दी में देवी के नाम पर एक मंदिर बनवाया। इस मंदिर में दर्शन करने के दौरान इसकी भव्य वास्तुकला का आनंद जरूर लें।
चैत्र नवरात्रि तिथि – 2024
हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का अधिक महत्व होता है। वैदिक पंचांग के मुताबिक इस साल 08 अप्रैल को रात 11:50 मिनट से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरूआत हुई है। वहीं अगले दिन 09 अप्रैल को रात 08:30 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। उदयातिथि के मुताबिक 09 अप्रैल 2024 को चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होगी। इस दिन सर्वाथ सिद्धि और अमृत योग का निर्माण हो रहा है। इन दोनों ही योगों में पूजा अधिक शुभ फलदायी माना जाती है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस साल 09 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो रही है। प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि के महापर्व की शुरूआत होती है। प्रतिपदा तिथि पर शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करना शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, आज सुबह 07:32 मिनट तक पंचक रहेगा। पंचक के बाद घटस्थापना करना शुभ होता है। वहीं सुबह 09:11 मिनट से अशुभ चौघड़िया रहेगा। इस दौरान घटस्थापना न करें।
वहीं शुभ चौघड़िया सुबह 09:12 मिनट से 10:47 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप कलश स्थापना कर सकते हैं। बता दें कि इस दिन कलश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त 11:57 मिनट से 12:48 मिनट तक है। इस दौरान अभिजीत मुहू्र्त है। घटस्थापना के लिए इस मुहूर्त को सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा इस दौरान अश्विनी नक्षत्र और वैघृत योग भी बन रहा है।