मोहन भागवत का गोरखपुर में प्रवास पांच दिन कर प्रवास है। वह 16 जून तक स्कूल में ही प्रवास करेंगे। कार्यकर्ता विकास वर्ग में हिस्सा लेने के अतिरिक्त उनका गोरखपुर में कोई अन्य कार्यक्रम नहीं है। 17 जून की सुबह वह गोरखपुर से रवाना हो जाएंगे। 13 जून को उनका विकास वर्ग में संबोधन शुरू हो गया है। वहीं सीएम योगी आज इनकी मुलाकात हो सकती है।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पहली बार गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात कर सकते हैं। यूपी में चुनाव नतीजों के बाद यह बैठक बहुत अहम मानी जा रही है।
वहीं गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवकों से कहा है कि वह संघ के विस्तार की चिंता करें। संघ से कैसे जन-जन को जोड़ना है, इसके लिए अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। शहर की गली-मोहल्लों तक तो इसके लिए पहुंचे ही, गांव-गांव तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करें।
भाजपा के वैचारिक गुरु, आरएसएस के प्रमुख के शब्द इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आक्रामक चुनाव अभियान के बावजूद पार्टी एनडीए के महत्वाकांक्षी ‘400 पार’ आह्वान से काफी पीछे रह गई। पार्टी 272 के बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने में भी विफल रही – उसने 543 लोकसभा सीटों में से 240 सीटें जीतीं – क्योंकि एक सक्रिय इंडिया गुट ने मोदी लहर को रोक दिया। केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने के लिए भाजपा ने टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू और जेडी (यू) के नीतीश कुमार सहित एनडीए सहयोगियों पर भरोसा किया।
एसवीएम पब्लिक स्कूल चिऊंटहा में तीन जून से चल रहे कार्यकर्ता विकास वर्ग में हिस्सा लेने के लिए बुधवार की शाम गोरखपुर पहुंचे संघ प्रमुख का गुरुवार को बौद्धिक हुआ। अपने बौद्धिक में उन्होंने स्वयंसेवकों को उनकी कार्यक्षमता याद दिलाकर संघ के लिए उपयोगी बनने का मंत्र दिया।
कल की बैठक के दौरान, आदित्यनाथ और भागवत के बीच लोकसभा चुनाव, उत्तर प्रदेश में आरएसएस के विस्तार और हित के अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। लोकसभा चुनावों में, भाजपा को उत्तर प्रदेश में आश्चर्यजनक झटका लगा, और केवल 33 सीटें ही जीत पाईं, जो 2019 में मिली 62 सीटों से कम है। कांग्रेस-समाजवादी पार्टी गठबंधन ने 43 सीटें जीतीं। इससे पहले, भागवत ने चिउटाहा क्षेत्र के एसवीएम पब्लिक स्कूल में चल रहे संघ कार्यकर्ता विकास वर्ग शिविर में स्वयंसेवकों को संबोधित किया, जहां 3 जून से एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 280 स्वयंसेवी कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कह कि वर्ष 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। यह संघ के लिए सौभाग्य का वर्ष रहेगा। इसे और भी सौभाग्यशाली बनाना है। स्थापना वर्ष तक हर खंड व गांव तक संघ को पहुंचाना है। गांव-गांव में स्वयंसेवकों का समूह बनाकर खंड स्तर पर शाखाएं लगवानी हैं, जिससे राष्ट्र व समाज के विकास में संघ की भूमिका अंतिम पायदान तक सुनिश्चित हो सके।