इस जीत में सपा मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव की चर्चा सबसे ज्यादा है। दरअसल, सपा मुखिया अखिलेश यादव और डिंपल यादव यूपी के पहले ऐसे जोड़े होंगे जो एकसाथ संसद में पहुंचेंगे और इतिहास रचेंगे। अखिलेश और डिंपल पहले 17 वीं लोकसभा के सदस्य तो थे, लेकिन दोनों अलग-अलग समय पर संसद पहुंचे थे।

2019 का चुनाव भी दोनों लड़े थे, लेकिन आजमगढ़ से अखिलेश तो जीत गए थे, जबकि डिंपल को कन्नौज से भाजपा के सुब्रत पाठक से हार झेलनी पड़ी थी।
इसके बाद मुलायम सिंह के निधन के बाद डिंपल मैनपुरी के उपचुनाव में जीतीं, लेकिन उससे पहले ही अखिलेश लोकसभा से इस्तीफा देकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बन गए।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ा नुकसान यूपी से हुआ है। यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) ने कांग्रेस के साथ मिलकर पिछली बार की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। सपा के कई सांसदों ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की है।
अखिलेश के तीन भाई भी संसद में दिखेंगे
इस बार अखिलेश के तीन चचेरे भाई भी संसद में दिखेंगे। इस बार सैफई घराने के पांच नेता सांसद बने हैं।
कन्नौज से अखिलेश यादव
मैनपुरी से डिंपल यादव
आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव
फिरोजाबाद से अक्षय प्रताप
बदायूं से आदित्य यादव
पप्पू यादव भी कर चुके ये कमाल
इससे पहले बिहार के सांसद पप्पू यादव भी ये कमाल कर चुके हैं। पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीता रंजन एक साथ चुनाव जीतकर संसद में जाने वाले पहले कपल थे। रंजीता और पप्पू यादव 2004 और 2014 में एकसाथ चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे और ये अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया था।

पप्पू यादव इस बार निर्दलीय के तौर पर लोकसभा चुनाव जीते हैं और रंजीता कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद हैं। दोनों तीसरी बार संसद में एकसाथ जाएंगे, लेकिन दोनों अलग-अलग सदन में मौजूद होंगे। वहीं, धर्मेंद्र और हेमा मालिनी भी एक साथ संसद पहुंचे थे, लेकिन दोनों अलग-अलग संसद में थे।
इस बार का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में कई मायनों में अनूठा रहा है. कई रिकॉर्ड पहली बार बने, पहली बार ही टूटे भी. सत्तारूढ़ खेमे ने दिल्ली से अबकी बार 400 पार की हवा चलाई तो प्रदेश में भी 80 में 80 का बड़बोला नारा यहां-वहां गूंजने लगा.
सभी सीटें जीतने के दावे की हकीकत यह रही कि साख बचानी मुश्किल हो गई. अपने गठन के 32 साल के इतिहास में सपा ने 2024 के आम चुनाव में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में 37 सीटें जीत ली. 6 सांसदों का जीतना, राहुल-प्रियंका गांधी और यूपी में दिनों दिन मरती कांग्रेस के लिए किसी संजीवनी सरीखा कहा जा सकता है.
केंद्र सरकार के 7 मंत्री और करीब दो दर्जन सांसद अपनी सीट नहीं बचा पाए, जहां रामलला का 500 वर्षों का वनवास खत्म हुआ, उसी सीट पर भाजपा को फिलहाल 5 साल ‘अयोध्या निकाला’ मिल गया. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा देश-दुनिया जितना सुर्खियों में रहा, उससे ज्यादा चर्चा रही भगवा पार्टी की किरकिरी वाली हर और अयोध्या के लोग. अपने आप में ये सब अलहदा ही रहा. खैर, लौटते हैं खबर के असल ट्रैक पर.
अनोखे रिकॉर्ड के सिलसिले में प्रदेश में ऐसे 7 युवा सांसद भी जीते हैं, जो अब अपने बाप-दादा की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगे. सियासत के इन युवा तुर्कों ने अपने पहले ही लोकसभा चुनाव में दिग्गज व 2-3 बार के सांसदों को पटखनी दी.
कौशाम्बी से जीते सपा के पुष्पेंद्र सरोज तो देश में सबसे काम उम्र के सांसद बने हैं. सबसे रोचक है पति-पत्नी का जीतना. उत्तर प्रदेश से पहली बार अखिलेश और डिंपल यादव की जोड़ी संसद में दिखेगी. यह यूपी का पहला सांसद दंपती है, जबकि देश में इससे पहले ऐसा ही रिकॉर्ड तीन जोड़े और बना चुके हैं