राहुल गांधी के विदेश दौरे को लेकर भारत में एक बड़ा राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है। बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए यह आरोप लगाया है कि जब पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मृत्यु पर शोक मनाया जा रहा था, तब राहुल गांधी वियतनाम में नए साल का जश्न मना रहे थे। इस मुद्दे ने पूरे देश में चर्चा का विषय बना लिया है और विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच तीखी नोंक-झोंक देखने को मिल रही है। कांग्रेस ने बीजेपी के इस आरोप पर कड़ा विरोध करते हुए इसे ‘डायवर्जन की राजनीति’ करार दिया है।

इस राजनीतिक विवाद की शुरुआत तब हुई जब बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि जब देश पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है, तब राहुल गांधी नए साल का जश्न मनाने के लिए विदेश गए हैं। मालवीय ने लिखा कि यह समय था जब देश को एकजुट होकर मनमोहन सिंह की याद में शोक मनाना चाहिए था, लेकिन राहुल गांधी वियतनाम में छुट्टियां मना रहे थे। बीजेपी के इस आरोप के बाद कांग्रेस ने जवाबी हमला करते हुए इसे बीजेपी की ‘डायवर्जन’ की राजनीति बताया और कहा कि यह सिर्फ एक तरीका है ताकि बीजेपी अपने कुप्रबंधन और अन्य समस्याओं से जनता का ध्यान भटका सके।
बीजेपी का आरोप
बीजेपी ने राहुल गांधी के वियतनाम जाने को लेकर आरोप लगाए कि यह कृत्य न केवल संवेदनहीनता की मिसाल है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कांग्रेस नेता को देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी की कोई परवाह नहीं है। बीजेपी का कहना था कि जब पूरा देश अपने पूर्व प्रधानमंत्री की मृत्यु पर शोक में डूबा हुआ था, तब राहुल गांधी को अपनी यात्रा को स्थगित कर देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा, “राहुल गांधी ने वियतनाम जाने का फैसला किया जब भारत अपने पूर्व पीएम की मृत्यु पर शोक मना रहा था। यह दर्शाता है कि राहुल गांधी के लिए देश और उसके शोक की कोई अहमियत नहीं है।”
बीजेपी के कई अन्य नेताओं ने भी इस मुद्दे पर राहुल गांधी पर हमला बोला। पार्टी के प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि उनके व्यक्तिगत जीवन के फैसले राष्ट्रीय मुद्दों से जुड़ी जिम्मेदारियों से ऊपर नहीं हो सकते। उन्होंने यह भी कहा कि यह शर्मनाक है कि राहुल गांधी ने इस समय के दौरान विदेश यात्रा का चयन किया।
कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी के आरोपों का जोरदार विरोध किया और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने के प्रयासों को नकारा किया। कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी की विदेश यात्रा निजी थी और इससे किसी भी प्रकार का राष्ट्रीय अपमान नहीं हुआ है। कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने कहा, “बीजेपी हमेशा से ही डायवर्जन की राजनीति करती आई है। राहुल गांधी ने निजी कारणों से विदेश यात्रा की थी, और इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने हमेशा से ही दवाब बनाने के लिए मुद्दों को विकृत किया है और यह वही तरीका है जिसका बीजेपी अब भी पालन कर रही है।
कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि बीजेपी सिर्फ झूठ बोलने में माहिर है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने कभी भी डॉ. मनमोहन सिंह की श्रद्धांजलि का सम्मान नहीं किया। रंधावा ने कहा, “राहुल गांधी ने डॉ. मनमोहन सिंह का कंधा दिया और उनकी मृत्यु के बाद कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने हर संभव प्रयास किया था, फिर भी बीजेपी उन्हें बदनाम करने में लगी हुई है।” उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी को शर्म आनी चाहिए कि वे किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में झूठ फैला रहे हैं जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की।
राहुल गांधी की निजी यात्रा
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की विदेश यात्रा निजी थी और यह उनके किसी व्यक्तिगत कार्यक्रम के तहत की गई थी। पार्टी ने कहा कि इस यात्रा का मनमोहन सिंह के निधन या देश के शोक से कोई लेना-देना नहीं था। राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि उनकी यात्रा उनके व्यक्तिगत कारणों से थी और उन्होंने कभी भी यह नहीं सोचा था कि इस पर राजनीति की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनका शोक मनमोहन सिंह के निधन पर था और उन्होंने खुद भी उनकी मृत्यु के बाद शोक व्यक्त किया था।
कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने यह भी कहा कि अगर राहुल गांधी को विदेश यात्रा करनी थी, तो इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बीजेपी से सवाल किया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद विदेश यात्रा पर जाते हैं तो क्या बीजेपी उन पर सवाल उठाती है? टैगोर ने यह भी कहा कि बीजेपी की पूरी रणनीति यही रही है कि वह राहुल गांधी के हर कदम पर सवाल उठाए, चाहे वह व्यक्तिगत जीवन से जुड़ा हो या राजनीतिक फैसलों से।
राजनीतिक बवाल और मीडिया में चर्चा
राहुल गांधी के विदेश दौरे को लेकर उठे इस विवाद ने मीडिया में व्यापक चर्चा का विषय बना लिया है। कुछ मीडिया हाउस ने इस पर विस्तार से रिपोर्ट की है, जबकि कुछ अन्य ने इसे बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक और राजनीतिक खेल के रूप में पेश किया। इस विवाद ने दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला और तेज कर दिया है। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी को अपनी सार्वजनिक जिम्मेदारियों को समझना चाहिए और इस समय के दौरान विदेश यात्रा का निर्णय नहीं लेना चाहिए था, जबकि कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह मामला व्यक्तिगत जीवन से जुड़ा है और बीजेपी को इससे बाहर रहना चाहिए।
राजनीतिक संस्कृति पर प्रभाव
यह विवाद भारतीय राजनीति में एक और उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे व्यक्तिगत मामलों को राजनीतिक बनाकर मुद्दे को गुमराह किया जाता है। एक तरफ बीजेपी ने राहुल गांधी के विदेश जाने को लेकर शोक के दौरान उनके कृत्य पर सवाल उठाया है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने इसे ‘डायवर्जन’ की राजनीति करार दिया है। इस घटना से यह साफ है कि भारतीय राजनीति में व्यक्तिगत और राष्ट्रीय मामलों के बीच की सीमाएं अक्सर धुंधली हो जाती हैं, और विपक्षी दल अपने-अपने तरीकों से आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करने में लगे रहते हैं।
निष्कर्ष
राहुल गांधी के विदेश दौरे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जो विवाद उभरा है, वह इस बात का प्रतीक है कि भारतीय राजनीति में हर कदम पर एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है। हालांकि यह विवाद राजनीतिक रुख के साथ जुड़े हुए हैं, परंतु यह भी दिखाता है कि किसी भी छोटे से मुद्दे को लेकर भी पार्टियां अपनी राजनीतिक लाभ के लिए उसे भुना सकती हैं। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी की विदेश यात्रा एक निजी निर्णय था, जबकि बीजेपी इसे राष्ट्रीय शोक की अवहेलना मान रही है। इस विवाद से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दलों के बीच इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप भारतीय राजनीति का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, जो किसी भी समय सामने आ सकते हैं।